उनका स्पर्श ,बिना कहे ही सब कुछ कह जाता
उनका रेखांकन ,बिना बोले ही समझ में आ जाता
उनका व्यवहार ,बिना पहचान अस्तित्व का बोध करा जाता
उनका चिंतन ,बिना मध्यस्थ परमात्मा से साक्षात्कार करा जाता
उनका वक्तव्य ,बिना प्रवचन सत्संग का एहसास करा जाता
उनका रेखांकन ,बिना बोले ही समझ में आ जाता
उनका व्यवहार ,बिना पहचान अस्तित्व का बोध करा जाता
उनका चिंतन ,बिना मध्यस्थ परमात्मा से साक्षात्कार करा जाता
उनका वक्तव्य ,बिना प्रवचन सत्संग का एहसास करा जाता
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