Monday, 14 May 2012

माँ

माँ तुम  हो तो 
घर घर है 
नहीं तो सिर्फ  मकान है ..

माँ तुम  हो तो
घर आने का चाव है
हर दिन  एक  त्यौहार है ..

माँ तुम  हो तो
सर पर स्नेहिल हाथ है 
जीवन में उल्लास है ..

माँ तुम  हो तो 
मायका गुलज़ार है 
मूर्तियों में भी जान है ..

माँ तुम  हो तो ...





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