तुम असीम मैं छुद्र बिंदु हूँ
तुम अगाध तो मैं सीमित हूँ
तुम स्रष्टि रचयिता मैं रचना हूँ
तुम प्रेम पुजारी मैं प्रियतम हूँ
तुम घर आँगन मैं उपवन हूँ
तुम लोरी मैं स्वप्न सद्रश हूँ
तुम अनंत और मैं अंकुर हूँ
तुम और मैं मिल एक बिंदु हूँ
तुम अगाध तो मैं सीमित हूँ
तुम स्रष्टि रचयिता मैं रचना हूँ
तुम प्रेम पुजारी मैं प्रियतम हूँ
तुम घर आँगन मैं उपवन हूँ
तुम लोरी मैं स्वप्न सद्रश हूँ
तुम अनंत और मैं अंकुर हूँ
तुम और मैं मिल एक बिंदु हूँ
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