Wednesday, 10 July 2013

वो चले गए

कल रात मेरे सपने में वो, मिलते ही मुझसे यूँ बोले
तुम तो वैसी ही लगती हो जैसे छोड़ा बरसों पहले

मादक मुस्कान बिखेर रही, लब  पर मेरा ही नाम लिखे
नैनो में चंचलता बसती, पलकों पर बोझ हो  मेरा लिए

बलखाती नदिया के ही हैं, दो पाट बना डाले हमने
तुमने तो निभाया वादा है, सावन की बदली सी बनके

कल रात मेरे सपने में वो आये और मिलकर चले गए
वो चले गए,वो चले गए ,वो चले गए ,वो चले गए  

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