Friday, 26 July 2013

पहला प्यार

गुलाब की बगिया का  झुरमुट था अच्छा
चमकता चटख लाल फूलों का गुच्छा
बगीचे में मखमल सी घास पे चलती
निगाहें टिकाती फिर पलकें झुकाती
दरियादिली से वो बाँहों में आती
गुच्छा बड़ी कसके आँचल में भरती
अहसास दिल में था चेहरे पे लाली
पहले प्यार की थी छटा ही निराली

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