Wednesday, 4 January 2012

पूर्णता की प्राप्ति

बाहर तूफान बड़े वेग से चल रहा था
परन्तु मेरे अन्दर हवा का प्रवेश तक न था
कालिमा के कारागार में बंद हुई सासों से मुक्ति का अहसास
ईश्वरीय शक्ति को भूतल पर उतारने का साहसिक प्रयास
नियति ने तपती हुई वसुधा को क्षितिज से मिला दिया
गर्म वाक्य के धुंए से घुटकर मरने से अच्छा धधक कर जला दिया
पवित्र अग्नि में शरीर पञ्च तत्व में विलीन हो रहा था  
परम नीरवता में पूर्णता की प्राप्ति का आनंद मिल रहा था .



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