Saturday, 17 December 2011

जोड़ियाँ

लोग कहते है
जोड़ियाँ ऊपर बनती है
जन्म जन्मान्तर के संयोग से बनती है
मुझे भी यही लगता था
पर अब तो ऐसा लगता है
जोड़ियाँ जोड़ तोड़ से बनती हैं
जन्म पत्र  मिलानेवाले पंडित से बनती हैं
दहेज़ की सौदेबाजी से बनती हैं
परम्पराओं की आड़ में बनती हैं
लड़का तो घी का लड्डू है
लायक हो या नालायक
बोली लगती है खरीदार तो मिल ही जायेंगे
जो अधिकतम मूल्य चुकाए ले जाये
कीमत लगादी पर ससुराल का न  हो जाय
चिंताग्रस्त हैं मुख मलीन है
जोड़ तोड़ जारी है
डर है पत्नी से साठ गांठ न हो जाये
दुकानदारी चलाने के लिए
दरार डालना जरुरी है
सात जन्म की कौन कहे
इस जन्म का पता नहीं
जोड़ियाँ कब बने कब टूटे
सब नीचे वाले के हाथ है .

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